पल भर में बेघर हुए लोग जब सिर ढ़कने की जद्दोजहाद में जुटे हों और समीप में ही भूख से बिलबिला रहे उनके बच्चे चुपचाप हालात को निहार रहा हो। पानी के बीच रह कर पेयजल का अभाव और खुले में फैलती शौच की दुर्गन्ध के बीच जीवन जीने की हकीकत। दूर-दूर तक फैला बाढ़ का पानी और अंधेरी रात में मेढ़क की टर-टो के बीच सांप, बिच्छू का खतरा। दरअसल, बाढ़ से विस्थापित हुए लोगो के शिविर का यही सच होता है। ऐसे में कोई भोजन का पैकेट और पानी का बोतल लेकर मुफ्त में मदद को पहुंच जाए, तो यह किसी फरिश्ते से कम नहीं होता है। आज हम आपको ऐसे ही एक फरिश्ते से मिलाने जा रहें हैं। बिहार के बाढ़ पीड़ितो के लिए कंचन सेवा आश्रम के डायरेक्टर विजय कुमार बाढ़ पीड़ितो की मदद के अतिरिक्त इन दिनो शिवहर के किसानो के साथ मिल कर पेस्टीसाइट मुक्त खेती करने पर काम कर रहें है और दरभंगा में बच्चो के लिए पुर्नवास योजना चला रहें हैं। KKN लाइव के ‘इनसे मिलिए’ सेगमेंट में विजय कुमार ने कई चौकाने वाले जानकारी दी। देखिए, पूरी रिपोर्ट
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